कारखास-पुलिस स्टेशन के कालेधन का अर्थशात्री भाग-2

0
612

कौशाम्बी- बेलगाम सरकारी तंत्र में ईमानदारी और सकारात्मक ऊर्जा की बात करने वाले अफसरों की नाक के नीचे कालेधन के अर्थशात्री कारखास पूरी तरह से संरक्षण प्राप्त होते है। इन्हें कभी राजनैतिक नेताओ का संरक्षण, कभी आला हाकिम का संरक्षण मिला होता है। यही वजह है कि पुलिस महकमे के बड़ा से बड़ा अफसर भी इनका कुछ बिगाड़ नही पाता।

जनपद के तकरीबन हर पुलिस स्टेशन में कारखास की अघोषित व्यवस्था है। अग्रेजो के समय से चली आ रही यह व्यवस्था पहले थानेदार अपने थाना पुलिस के मुखबिर के रूप में खास पुलिस कर्मी को कारखास बनाता था। जिसका काम थाना में कार्यरत पुलिस वालों, इलाके के मुल्जिमो, अपराधियो से होने वाले संभावित खतरे पर स्टेशन अफसर पहले से भाप कर उस पर प्रभावी कार्यवाही करता था

बदलते समय के साथ थानेदारों ने कारखास को अपनी अवैध काली कमाई का सबसे मजबूत जरिया बना लिया है। वर्तमान समय मे थानेदार इलाके में संचालित होने वाले हर एक अवैध गोरखधंधे कारखास के जरिये संरक्षित कर को मोटी रकम वसूल करता है।

सड़क पर अवैध रूप से संचालित होने वाले अपराध (मुख्यता पशु तस्करी, ओवर लोडिंग, डग्गामार वाहन, होटलो पर संचालित अवैध धंधे ) से भी महीना वसूल की जाती है । ऐसे में हर थाने में कारखास अपने मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल कर बाकायदा एक रजिस्टर बना कर रखता है। जिसका हिसाब किताब एक कुशल अर्थशात्री की भांति कारखास ही रखता है।

कारख़ासी कर चुके पुलिस कर्मी अपनी पहचान छिपा कर बताते है कि जनपद में सैनी, कोखराज, पूरामुफ्ती थाना सबसे ज्यादा मलाईदार कारख़ासी मानी जाती है। यहां की महीने की संभावित कमाई 8 से 10 लाख रुपये महीने की होती है।

इसी तरह मोरंग घाट के संबंधित थाने पिपरी, सराय अकिल, पश्चिम शरीरा, महेवाघाट थाने कारख़ासी के लिए दूसरे नंबर के थाने में गिने जाते है। यह कि माह वार औसत कमाई 5 से 6 लाख महीने की होती है।

तीसरे नंबर के थानों में मंझनपुर, करारी, चरवा, मोहब्बतपुर पइंसा कड़ाधाम, महिला थाना आता है जिनमे कारख़ासी करने वाले कम रकम से ही संतोष करते है। इस थानों में कारखास के इशारे में बिना एफआईआर और जांच की कार्यवाही नही होती।

कारख़ासी कर चुके पुलिस वाले यहाँ तक बताते है कि किस मामले में जाँच होकर रिपोर्ट लिखनी है और किस मामले में आरोपित को राहत देनी है यह भी वही तय करते है। जिसके एवज में मोटी रकम का हेरफेर भी किया जाता है। इन थानों में संभावित कमाई 4 से 5 लाख की होती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here