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क्षेत्र में हरे पेड़ों की कटान उफान पर*
कानपुर जहां आदमी कुछ दिन पूर्व ऑक्सीजन सिलेंडर पाने के लिए दर-दर भटक रहा था. वहीं कुछ वन माफिया ऑक्सीजन देने वाले पेड़ों की जान लेने में तुले हुए हैं. पेड़ों की कटान का ही नतीजा है कि बीते दिन ऑक्सीजन ना मिलने से जाने कितने लोगों ने अपनी जान गवा दी पर फिर भी तहसील क्षेत्र के इन वन माफियाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता दिख रहा है. वन माफिया पूरी तहसील में पूर्णतया हावी है. क्षेत्र चाहे भीतरगांव का लाखन खेड़ा हो या तहसील का अन्य कोई क्षेत्र हर जगह यही अव्यवस्था दिखलाई देती है. ऐसा ही मामला कोतवाली क्षेत्र के पतारा चौकी अंतर्गत बरनाव और हरचंदापुर गांव के बीच देखने को मिला. जहां वन माफियाओं ने आम और नीम के हरे पेड़ों की जमकर कटान की है. वही जिम्मेदार आंख और कान बंद किए हुए बैठे हैं. कह सकते हैं कि ऐसे कृत वन विभाग एवं पुलिस विभाग की मिलीभगत के बगैर नहीं हो सकते. विभागों की उदासीनता के चलते वन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं.सबसे बड़ी बात तो यह है कि वन विभाग को सूचना देने के बाद वन विभाग प्रभारी ने मामले से अनभिज्ञता जता दी है.देखने वाली बात होगी कि इन वन माफियाओं के ऊपर विभाग क्या कार्यवाही करते हैं.
कानपुर से जिला संवाददाता विक्रम सिंह की रिपोर्ट