डिप्टी सीएम केशव मौर्य के गृह जनपद कौशांबी में मीडिया कर्मियों पर लिखे जा रहे फर्जी मुकदमे, जनप्रतिनिधियों की भी नही सुनती पुलिस

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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी में मीडिया कर्मियों पर धड़ाधड़ फर्जी मुकदमे लिखे जा रहे हैं. मुद्दा चाहें जो हो, खबर चाहें जो हो, उसका हल पुलिस प्रशासन पत्रकार पर मुकदमा लिखकर सामने ला देता है. शनिवार को Zee Media के वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार को मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने फर्जी मुकदमे में जेल भेज दिया.

कौशांबी में पुलिस प्रशासन द्वारा द्वेषभावना के चलते पत्रकारों पर एक के बाद एक की जा रही बदले की कार्यवाई से मीडिया जगत में भी काफी आक्रोश है. शनिवार को प्रेस क्लब ने सदस्यों की एक आपातकालीन बैठक बुलाई. बैठक में क्लब के पदाधिकारियों ने पत्रकार उत्पीड़न पर पुलिस प्रशासन की कार्यवाई की निंदा किया. जिसके बाद पत्रकारों का एक प्रतिनिधि मंडल जिले के सांसद विनोद सोनकर से मिला. सांसद के सख्त दिशा-निर्देशो के बावजूद भी अफसर अपने मनमानी पर अड़े रहे.

हद तो तब हो गई जब सांसद विनोद सोनकर के आश्वासन पर पत्रकारों का प्रतिनिधि मंडल मंझनपुर कोतवाली पहुंचा और जब इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह और सीओ सच्चिदानंद पाठक से बात कर निष्पक्ष जांच के बाद कार्यवाई किये जाने की बात रखी तो उनका जवाब सुनकर सभी पत्रकार दंग रह गए. पत्रकारों के प्रति इंस्पेक्टर के भड़के तेवर और सीओ का यह कथन कि हम सांसद विनोद सोनकर की नही अपने अफसरों की सुनते है. उन्ही के दिशा निर्देशों पर चलते है. जिसको सुनने के बाद पत्रकारों को लगा कि दूध के धुले इन अफसरों के सामने अपनी बात भी रखना व्यर्थ है.

कौशांबी सांसद विनोद सोनकर के सख्त निर्देशो को भी पुलिस प्रशासन ने तनिक भी तवज्जू नही दिया. जिसके बाद प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने यह निर्णय लिया है उनका एक प्रतिनिधि मंडल प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मिलकर कौशांबी प्रशासन की करतूतों को अवगत कराएगा. जिस तरह से लोकतंत्र के चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों का पुलिस फर्जी मुकदमे दर्ज कर उत्पीड़न कर रही है. उससे तो लगता है कि इससे भयावह स्थिति कौशांबी में और नही हो सकती है.

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