Uncategorizedनहाये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाए। मीन सदा जल में रहे, धोये बास न जाए। अर्थ- अगर मन का मैल ही नहीं गया तो ऐसे नहाने से क्या फ़ायदा? मछली हमेशा पानी में ही रहती है, पर फिर भी उसे कितना भी धोइए, उसकी बदबू नहीं जाती।By admin - April 18, 202002177Facebook Twitter WhatsApp Print Telegram