नियोजित शिक्षकों के हड़ताल पर भी लगा कोरोना का ग्रहण, डीजीपी ने कहा धरना-प्रदर्शन पर रहेगी रोक

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बिहार संवाददाता सिकंदर राय की रिपोर्टः

पटना: समान काम समान वेतन समान समान सेवा शर्त की मांग  पर अड़े बिहार के लगभग पौने चार लाख शिक्षकों के आंदोलन को भी कोरोना का ग्रहण लगते दिख रहा है। बिहार सरकार कोरोना को लेकर हाई अलर्ट मोड में है। वहीं डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने निर्देश जारी करते हुए कह दिया है कि इस दौरान पूरे बिहार में विरोध और धरना प्रदर्शनों पर रोक रहेगी।
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने मुख्य सचिव दीपक कुमार समेत तमाम आलाधिकारियों की मौजूदगी में हुई वीडियो कॉफ्रेंसिंग के बाद बताया कि आपदा की इस घड़ी में पुलिस की बड़ी भूमिका है। सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सिविल अथॉरिटी की मदद करें।उन्होनें कहा कि  इस बीमारी से निपटने के लिए भीड़ से निपटने की जरूरत है। उन्होनें कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ नहीं लगने दिया जाए। इस दौरान होने वाले धरना-प्रदर्शनों पर भी रोक लगायी जाए।
डीजीपी ने कहा कि कोरोना पर जागरुकता की जरूरत है। उन्होनें कहा कि पुलिस डिपार्टमेंट की पहुंच गांवों तक है, ऐसे में पुलिस विभाग का दायित्व है कि सरकार की तैयारियों को आम जन तक पहुंचाए। गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि गावों में चौकीदारों परेड कराने को कहा गया है।
बता दें कि आज से ही पूरे बिहार में शिक्षकों का आंदोलन को  रफ्तार देने की कोशिश नियोजित शिक्षकों के द्वारा की जा रही थी । जहां एक तरफ पटना के गर्दनीबाग में टीईटी शिक्षकों ने आज पटना के गर्दनीबाग में सामूहिक मुंडन करवाया। मुंडन के बालों  को नियमित शिक्षकों से डीएनए मिलान के लिए सरकार को सौंपने का इरादा था। वहीं बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्यवय समिति आज से हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत की थी। इसके अलावे हड़ताली शिक्षक सरकारी अधिकारियों के समक्ष प्रदर्शन कर रहे थे।

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