उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में पत्रकार उत्पीड़न के खिलाफ पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन पिछले चार दिनों से निरंतर जारी है। जिले के सभी पत्रकार लामबंद होकर पुलिस प्रशासन की खबरों का बहिष्कार कर शांति पूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे है। आज समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष दयाशंकर यादव ने पत्रकार उत्पीड़न के खिलाफ अपने सैकड़ो कार्यकर्ताओ के साथ पत्रकार संघ को समर्थन दिया। पत्रकार संघ के साथ सपाइयों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर आवाज़ को बुलंद किया।
सपा जिलाध्यक्ष दयाशंकर यादव ने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार में पुलिस बदले की भावना से पत्रकारों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेल भेजने का काम कर रही है। जिस तरह से मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने जी न्यूज के वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार के ऊपर बदले की भावना से शर्मनाक कार्यवाई की है, उससे तो ऐसा प्रतीत होता है कि इसमें जिले के जिम्मेदार अफसरों की भी सहमति रही होगी। तभी तो इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह ने उस छेड़खानी के अभियुक्त के झूठी तहरीर पर पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा है, जिसके वायरल वीडियो को पत्रकार अजय कुमार ने जी मीडिया पर प्रमुखता से खबर दिखाया था।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष दयाशंकर यादव ने बदले की भावना से की गई पुलिस की इस शर्मनाक कार्यवाई पर सीधे प्रदेश की योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है कि जिस जनपद का लाल केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश के डिप्टी सीएम है, और तीन विधायक और सांसद भी बीजेपी के है। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन पत्रकारो का उत्पीड़न करने की हिमाकत कैसे कर सकता है। जनप्रतिनिधियो ने भी अब तक इस मामले को लेकर कोई कदम नही उठाया। ऐसे में संदेह होता है कि कहीं ये सरकार के इसारे पर तो उत्पीड़न नही हो रहा है।
जिलाध्यक्ष दयाशंकर यादव ने शासन-प्रशासन से मंझनपुर कोतवाल उदयवीर सिंह के खिलाफ तत्काल निलंबन की मांग करते हुए पत्रकारों पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की है। साथ ही जिला प्रशासन को चेताया है कि यदि सीघ्र ही इंस्पेक्टर के खिलाफ कोई कठोर कार्यवाई न कि गई तो वह इस मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर पत्रकारों के हित मे उत्पीड़न के खिलाफ प्रदेशब्यापी धरना प्रदर्शन कराये जाने की मांग करेंगे।
बतादे कि कौशांबी में पत्रकार उत्पीड़न के खिलाफ गुरुवार को अधिवक्ता संघ, जनसत्ता दल, लोक जनशक्ति पार्टी व कांग्रेस पार्टी समेत कई अन्य राजनैतिक दलो ने भी अपना समर्थन देकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था। अधिवक्ता संघ और विभिन्न राजनैतिक दलो ने मजिस्ट्रेटी जांच के दौरान पत्रकार की गिरफ्तारी कर जेल भेजने पर सवाल भी उठाया था। संघ के संरक्षक वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश गौतम ने कहा था कि वादी मुकदमा ने पुलिस अधीक्षक व अपर जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत होकर शपथपत्र देते हुए पत्रकार के ऊपर लगे सभी आरोपो को गलत एवं निराधार बताया था। इसके बावजूद भी मंझनपुर पुलिस ने बदले की भावना में तहरीर से हटकर गैर जमानती धाराओं में मनगढंत अपराध दर्ज कर पत्रकार को जेल भेजने का काम किया है।