यूपी के कौशांबी में पुलिस उत्पीड़न की शिकार एक पीड़ित महिला को सीएम योगी को खून से खत लिखकर न्याय की गुहार लगाना मंहगा पड़ गया। मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने पीड़ित महिला व उसके पति को थाने के गेट पर बेरहमी से फिर पिटाई की। पुलिस पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से पुलिस अफसरों ने मामले में चुप्पी साध रखी है। बतादे की दो माह पहले प्रॉपर्टी डीलर वसीम अहमद को मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने एक आरोपित शिकायत में गिरफ्तार कर जमकर पिटाई की थी। आरोप था कि इंस्पेक्टर ने प्रॉपर्टी डीलर की पत्नी से एक लाख रुपये रिश्वत लेने के बाद उसे थाने से छोड़ दिया था। पुलिस पिटाई से प्रॉपर्टी डीलर वसीम अहमद को कई गंभीर चोटें आई थी। प्रॉपर्टी डीलर की पत्नी शायदा बानो ने मामले में सीएम योगी को अपने खून से पत्र लिखकर इंसाफ की गुहार लगाई थी। जिस बात से खुन्नस खाए मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने आरोपी वसीम अहमद को शुक्रवार को आरोपित मुकदमे में गिरफ्तार कर बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। जब उसकी पत्नी व दो बेटे बचाव में आगे आये तो पुलिस ने उनकी भी जमकर पिटाई कर दी। थाने के गेट पर पुलिस पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद से अब पुलिस अफसरों ने मामले में चुप्पी साध रखी है। कौशांबी पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से वायरल वीडियो पर जवाब दिया है प्रॉपर्टी डीलर वसीम अहमद को पूछताछ के लिए थाने लाया गया था। इस दौरान उनकी पत्नी ने हंगामा किया था। मौके पर मौजूद महिला पुलिस कर्मियों द्वारा उन्हें हटा दिया गया। जबकि प्रॉपर्टी डीलर की पत्नी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस के उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजते हुए न्याय की गुहार लगाई है। बतादे कि मंझनपुर कोतवाली पुलिस की बर्बरता का यह कोई पहला मामला नही है। इससे पहले भी इंस्पेक्टर व उनके हमराह सिपाहियों पर कई गंभीर आरोप लगे थे। प्रारंभिक जांच के दौरान सम्बंधित सीओ ने इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह को अपनी जांच में कई बार दोषी भी ठहराया था, लेकिन तत्कालीन एसपी प्रदीप गुप्ता ने अपने ट्रांसफर के बाद जाते समय बैक डेट में इंस्पेक्टर को पूर्णरूप से दोषमुक्त कर गए।