बिहार संवाददाता सिकंदर राय की रिपोर्ट
देश में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। केंद्र और राज्य सरकार पर विपक्ष लगातार सवाल उठाते रहा है। लेकिन आप यह जानकार डंग रह जायेंगे कि बेरोजगारी के इस दौर में भी बिहार सरकार को अफसर नहीं मिल रहे हैं। बिहार के दो बड़े विभागों में अफसरों की कमी है। इतना ही नहीं पहले से जो अफसर थे वो भी नौकरी छोड़कर जा रहे हैं। सरकार के ग्रामीण विकास और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अफसरों की कमी हो गई है। ये दोनों विभाग साहेब लोगों की कमी झेल रही हैं। जैसा की सभी लोग जानते हैं कि इन विभागों में ग्रामीण विकास पदाधिकारी यानी कि BDO और अंचल अधिकारी यानी कि CO होते हैं। इनके ऊपर ही कार्यभार की जिम्मेदारी होती है। लेकिन इन अफसरों की कमी देखि जा रही है। जिसके कारण नए सिरे से इन विभागों में अफसरों के लिए वैकेंसी निकालने की तैयारी की जा रही है।
एक ताजा मामले के मुताबिक बिहार लोकसेवा आयोग ने पिछले साल इस विभाग के लिए 130 अफसरों की सिफारिश की थी।BPSC की 60 वीं से 62 वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर हुई थी।बिहार राजस्व सेवा कैडर के इन अफसरों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन पिछले साल 27 एवं 28 मई को किया गया। जिसमें सभी कैंडिडेट्स नहीं आये। बचे हुए अभ्यर्थियों को जब दूसरा मौका दिया गया तो भी 17 अभ्यर्थी नहीं आये। 31 जनवरी सत्यापन के लिए विभाग के अधिकारी बैठे। 17 में से सिर्फ 2 लोग ही आये।
ग्रामीण विकास विभाग में भी अफसरों के संकट को देखते हुए नए सिरे से वैकेंसी की घोषणा कर आयोग के पास मांग भेजी जाएगी।दरअसल बात ये है कि जब BDO साहेब को अच्छा मौका मिलता है तो वो नौकरी छोड़ देते हैं। पिछले साल ही 10 से अधिक अफसरों ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था।अब विभाग में अफसरों की कमी होने के कारण ही काम का दबाव बढ़ता जा रहा है।