बिहार: 15 जून से दौड़ेगी गांधी सेतु की पश्चिमी लेन पर गाड़ियां

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बिहार संवाददाता सिकंदर राय की रिपोर्ट

बिहार: 15 जून से दौड़ेगी गांधी सेतु की पश्चिमी लेन पर गाड़ियां

पटना से उत्तरी बिहार को जोड़ने वाली महात्मा गांधी सेतू की पश्चिमी लेन 15 जून से पटना राजधानी के परिचालन के लिए खोल दी जाएगी। पथ निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सेतू के पश्चिमी लेन के नवीनीकरण का काम लगभग पूरा हो चुका है और शीघ्र ही इसे परिचालन के लिए खोल दिया जाएगा।
क्या वजह रही कि विश्व के सबसे लंबे पुलों में शामिल गांधी सेतू के डेढ़ दशक बाद ही मरम्मत करने की नौबत आ गयी? पुल के मरम्मत का काम लगातार चलने से हमेशा ट्रैफिक जाम रहने लगा। जिससे जनता हलकान होती रही। पुल की जर्जर हालत को देखकर इसके नवीनीकरण का निर्णय लिया गया। 
वर्ष 2014 में पुल के नवीनीकरण का कार्य शुरू किया गया, जिसके 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। पुनर्निर्माण के लिए पहले पश्चिमी लेन का ऊपरी हिस्सा तोड़ कर स्टील के नए सुपर ढांचे वाले पुल का निर्माण शुरू किया गया, जो अब बनकर तैयार है। पश्चिमी लेन से परिचालन शुरू होने के बाद पूर्वी लेन के नवीनीकरण का कार्य शुरू किया जाएगा। गांधी सेतू का पुनर्निर्माण का कार्य एफकाॅन्स-सिष्मोस्ट कंपनी के द्वारा किया जा रहा है।
बता दें कि महात्मा गांधी सेतु का निर्माण कार्य 1972 में गैमोन इंडिया लिमिटेड ने शुरू किया था। जिसका उद्घाटन मई 1982 मे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। उत्तरी बिहार की लाइफ लाइन माने जाना वाला गांधी सेतू गंगा नदी पर बना 5,750 मीटर लंबा पुल है, जो वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्ग 19 का हिस्सा है।

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