समस्तीपुर मे शिक्षा के नाम पर शिक्षक एवं शिक्षिकाएं  बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेलते जा रहा है

0
442

बिहार संवाददाता सिकंदर राय की रिपोर्ट:-
समस्तीपुर मे शिक्षा के नाम पर शिक्षक एवं शिक्षिकाएं  बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेलते जा रहा है और बच्चे के अभिभावक को ठेंगा दिखाया जा रहा है, शिक्षक के द्वारा।
सरकारी शिक्षा व्यवस्था इतनी चौपट हो गया है कि अब लोग सरकारी विद्यालय की तरफ झांकना भी नहीं चाहते हैं। दरअसल विद्यालय में पढ़ाई नहीं बल्कि राजनीतिक होने लगा है ।मध्यवर्गीय वर्ग के लोग के बच्चे सरकारी विद्यालय में दाखिला लेते हैं क्योंकि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। फिर भी वह व्यक्ति अपने बच्चे के प्रति सारा सपना संजोग कर रखते हैं कि मेरा बच्चा सरकारी विद्यालय से ही पढ़ाई कर एक दिन सरकारी सेवा में जाएगा और देश में अपना नाम रोशन करेगा। लेकिन यह बात कई वर्ष पहले होती थी। इन सब लोगों के पास एक ही विकल्प था कि सरकारी विद्यालय में बच्चे की दाखिला दिलाना और बच्चे भी उस समय मन से पढ़ते थे क्योंकि उस समय पढ़ाने वाले गुरुजी भी पढ़ाने के सिवा कुछ नहीं करते थे। इसलिए उस समय के छात्र-छात्रा देश के कई हिस्से में सरकारी सेवा में जाकर अपनी नाम रोशन किया।
अब वही सरकारी विद्यालय के शिक्षक एवं सरकारी बाबू अपने बच्चे की शिक्षा के लिए किसी प्राइवेट स्कूल कॉलेज में दाखला करवाते हैं क्योंकि उन सरकारी बाबू को पता है कि सरकारी विद्यालय में पढ़ाई नहीं होती है बल्कि टाइम पास किया जा रहा है।
जो शिक्षक सरकारी विद्यालय में सेवा दे रहे हैं उन्हीं का बच्चा प्राइवेट में पढ़ाई कर रहा है सोचिए जब उन शिक्षक को सरकारी विद्यालय के प्रति विश्वास नहीं है तो उसे पढ़ने वाले बच्चे का भविष्य कैसा होगा। वैसे भी आज एक भी मध्यवर्गीय वर्ग के लोग जो सरकारी विद्यालय से पढ़ाई कर सरकारी सेवा में कार्यरत हैं आपको देखने को नहीं मिलेगा अभी के दौर में जो भी लोग सरकारी सेवा या प्राइवेट सेवा में सेवा प्रदान कर रहे हैं और किसी मध्यवर्गीय वर्ग के लोगों की बच्चे नहीं बल्कि उन हाईप्रोफाइल लोगों के बच्चे हैं।
ऐसा ही मामला हसनपुर प्रखंड के मालीपुर गांव स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय मालीपुर से सामने आया है ।मालीपुर विद्यालय में नाम का अति शिक्षक एवं शिक्षिका हैं। वर्ग 1 से 5 तक की पढ़ाई होती है। विद्यालय में कार्यरत प्रधानाध्यापक मनोज कुमार ठाकुर ,शिक्षिका नूतन कुमारी एवं सुनीता कुमारी विद्यालय में कार्यरत हैं ।छात्र छात्रा की बात करें तो लगभग 40 छात्र-छात्रा विद्यालय में है ।प्रधानाध्यापक हमेशा सरकारी कामकाज में व्यस्त रहते हैं ।शिक्षिका नूतन कुमारी अधिकतर छुट्टी में ही रहती है। उन पर शिक्षिका सुनीता कुमारी विद्यालय में उपस्थित रहती है ।लेकिन शिक्षिका सुनीता कुमारी हमेशा सामूहिक  क्लाश करती है क्योंकि शिक्षक के अभाव में अलग-अलग क्लास नहीं कर पाती है। शिक्षिका सुनीता कुमारी सामूहिक क्लास लेने के क्रम में छात्र छात्राओं को पानी में रहने वाला 10 जीव जंतु का नाम लिखने के लिए कहीं जब सुनीता कुमारी से पानी में रहने वाला जीव जंतु के बारे में पूछा गया तो शिक्षिका सुनीता कुमारी को खुद नहीं पता था कि पानी में कौन सा जीव जंतु रहती है। जब मैडम से यह पूछा गया कि भारत के प्रथम महिला राष्ट्रपति कौन थी तो मैडम को यह भी नहीं पता था। जब मैडम से भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के नाम पूछा गया तो मैडम कहने लगी कि मुझे जानकारी नहीं है ।विद्यालय में अकेले रहने के कारण हमेशा टेंशन में रहती हूं।
उसे विद्यालय में साफ-सफाई को लेकर बात करें तो कचरे की अंबार लगी हुई है। शौचालय रूम हमेशा बंद रहती है ।ताला लटका हुआ रहता है। विद्यालय कैैंपस के आगे चापाकल में गाय भैंस बांधी जाती है। बच्चे के मध्यान भोजन बनने के जगह पर मकोड़ा की जाल लगी रहती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here